प्रेम रावत जी का जीवन परिचय| Biography of Prem Rawat

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Prem Rawat जी को एक आध्यात्मिक गुरु और Motivational Speaker के रूप में दुनिया भर जाना जाता है। हालांकि उनका जन्म भारत में हुआ था और वह एक भारतीय है। पर प्रेम रावत जी शादी के बाद से अमेरिका में जा बसे। चलिए जानते हैं उनका जीवन परिचय विस्तार से। 

Prem Rawat जी का जन्म और माता पिता 


प्रेम रावत का जन्म 10 दिसंबर 1957 में उत्तराखंड के हरिद्वार में हुआ था। प्रेम रावत के पिता का नाम हंस जी महाराज और माता का नाम राजेश्वरी देवी है। हंस  जी महाराज भी एक आध्यात्मिक गुरु थे। वह देश भर में सत्संग प्रवचन किया करते थे। हंस जी महाराज की मृत्यु के बाद माता राजेश्वरी देवी ने उनके सत्संग प्रवचन के काम को आगे बढ़ाया। आध्यात्मिक परिवार में जन्मे प्रेम रावत जी बचपन से ही आध्यात्म में रुचि रखते थे।  


Prem Rawat जी के भाई और बहन


प्रेम रावत जी के तीन भाई है। प्रेम रावत जी दूसरे नंबर पर है। उनके बड़े भाई का नाम Satpal Ji Maharaj हैं। उनके  तीनों भाईयों के नाम इस प्रकार है। सतपाल महाराज, प्रेम रावत (प्रेम पाल) , भोले जी (धर्म पाल) और बाल योगेश्वर (महिपाल)। हंस जी महाराज ने प्रेम रावत जी महाराज का नाम प्रेम पाल रावत रखा था। प्रेम रावत के भाईयों के नाम सतपाल महाराज, धर्मपाल और महिपाल रखा गया था। सतपाल को छोड़ कर सभी भाईयों ने अपना नाम आगे चल कर बदल लिया था। उनकी एक बहन भी है जिसका नाम सावित्री हैं। 


सतपाल महाराज को अपने पिता हंस जी महाराज की गद्दी विरासत में मिली । सतपाल  महाराज राजनीति में भी सक्रिय रहते हैं। सतपाल जी महाराज भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं। भोले जी पहले सतपाल महाराज के साथ रहते थे। परंतु आपस में किसी बात पर विवाद होने के के बाद भोले जी  विदेश में रहने लगे है। बाल योगेश्वर के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। 


Prem ji Rawat महाराज का अमेरिका में बसना


प्रेम रावत जी आध्यात्मिक ज्ञान के प्रचार प्रसार के लिए अमेरिका गए थे। परंतु इस अध्यात्मिक ज्ञान के प्रचार प्रसार के दौरान ही प्रेम रावत जी ने अमेरिका में ही शादी भी कर ली थी। जब प्रेम रावत जी वापस अपने पैतृक घर देहरादून आए तो उनकी माता राजराजेश्वरी ने उन्हें अपने परिवार से निष्कासित कर दिया था। ऐसा कहा जाता है कि माता राजराजेश्वरी प्रेम रावत महाराज जी के अमेरिका में शादी करने की वजह से नाराज थी। इसलिए Prem Rawat को माताजी ने अपने परिवार से निष्कासित कर दिया था।


माता राजराजेश्वरी ने प्रेम रावत जी को निष्कासित करने के बाद बेटे सतपाल को अपने उत्तराधिकारी के रूप में पेश किया। इसके बाद Prem Rawat जी वापस अमेरिका चले गए। प्रेम रावत जी अमेरिका में रह कर ही आध्यात्म का प्रचार प्रसार करते हैं। वह उन्होंने अपनी एक अलग संस्था बनाई। जिस का नाम Divine Light Mission रखा गया। पर ऐसा नहीं है की उनको मानने वाले भारत मे नही है। भारत में भी उन्हें मानने वालों की संख्या काफ़ी। उनके भारत में भी कई सारे आश्रम है जहां सप्ताहिक सत्संग कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। 


Prem ji Rawat Maharaj का परिवार 


उन्होंने अपनी पढ़ाई st. Joseph's Academy, Uttarakhand से की थी। उनकी पत्नी का नाम Marolyn Rawat है। रावत जी के तीन पुत्र है और एक पुत्री है , उनके पुत्रों के नाम  Hans Pal Rawat , Daya Rawat और Amar Rawat है। उनकी एक पुत्री है जिनका नाम Premlata Rawat हैं।


Prem ji Rawat का आध्यात्मिक जीवन 


हंस जी महाराज में प्रेम रावत महाराज जी का सत्संग के प्रचार प्रसार के लिए अमेरिका भेज दिया था। प्रेम रावत जी ने दुनिया के 80 देशों के 200 से ज्यादा शहरों में सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया और अपने सद्भावना संदेश से सब को प्रेरित किया। अमेरिका में सबसे ज्यादा लोग और नवयुवक प्रेम रावत जी के अध्यात्मिक संदेशों से प्रेरित हुए।अमेरिका में अध्यात्म ज्ञान के प्रचार प्रसार के दौरान ही प्रेम रावत महाराज ने अमेरिका में ही अपना घर ले लिया।  प्रेम रावत जी दावा करते हैं कि वह अपने अनुयायियों को भगवान का सच्चा ज्ञान देते हैं।


प्रेम रावत जी ने Divine Light Mission की स्थापना की। जिसे  D.L.M के नाम से भी जाना जाता है। प्रेम जी रावत अब पूरी तरह से अमेरिका में ही बस गए हैं। प्रेम रावत जी अमेरिका में ही रहकर ही अपने ज्ञान का प्रचार प्रसार करते हैं। अमेरिका में रहते हुए भी प्रेम जी रावत के सत्संग प्रोग्राम भारत में भी समय-समय पर होते  रहते हैं। भारत में भी प्रेम रावत जी महाराज के ज्ञान का प्रचार प्रसार बहुत ही ज्यादा हुआ है। यहां पर भी उन को मानने वाले बहुत लोग हैं।


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