नमस्कार दोस्तों। आज के इस आर्टिकल में हम ये जानने की कोशिश करेंगे कि SEO और Unique Content में
क्या बेस्ट है आप के लिए। पोस्ट खत्म होते होते आप के सारे संदेह खत्म हो जायेंगे। कई न्यू ब्लागर्स के मन में यह सवाल रहता है कि पहले एसईओ सिंखू या पोस्ट लिखना शुरू करूं। तो आज आप के इस सवाल का जवाब इस पोस्ट में मिल जायेगा। वैसे ब्लागिंग में अगर आप बहुत आगे तक जाना चाहते हैं तो आप इन दोनों में से किसी एक को भी नजरंदाज नहीं कर सकते हैं। लेकिन आज हम यहां बेस्ट के बारे में बात करने वाले हैं।
Unique Content आप के लिए क्यो जरूरी है।
यहां मैं आपको एक उदाहरण (Example) दे कर ये समझाने की कोशिश करुंगा कि इन दोनों में से क्या बेस्ट है आप के ब्लाॅग के लिए Unique Content लिखना या SEO Friendly Article लिखना। उदाहरण
मान लीजिए आपको पतंजलि का फिनायल लेना है। आप फिनायल लेने मार्किट गये। मार्किट में हाजारो दुकानें हैं।
कि वो जो नुक्कड़ पर रामलाल की छोटी सी दुकान है। आप को पतंजलि का फिनायल उसी दुकान पर मिलेगा। फिर आप उन बड़ी बड़ी दूकानों को बाईपास करते हूए। उस छोटी सी दुकान पर जाकर अपना समान लेते हैं। इस तरह से जिसे भी वो समान लेना है
मार्किट में बहुत बड़ी बड़ी दुकानें हैं। कुछ दुकानें बहुत पुरानी है। कुछ दुकानों में एसी लगा है। कुछ दुकानों में शीशे के बड़े बड़े डिस्प्ले लगे हुए हैं। कुछ दुकानें छोटी है। कुछ दुकानें नई है। कुछ दुकानदारों का व्यवहार ग्राहकों के साथ बहुत अच्छा है। आप को तो फिनायल लेना है। अब आप एक पान वाले से पूझते है कि भाई इस मार्केट्स में मुझे फिनायल कहा मिलेगा। और वो पान वाला बोलता है।
कि वो जो नुक्कड़ पर रामलाल की छोटी सी दुकान है। आप को पतंजलि का फिनायल उसी दुकान पर मिलेगा। फिर आप उन बड़ी बड़ी दूकानों को बाईपास करते हूए। उस छोटी सी दुकान पर जाकर अपना समान लेते हैं। इस तरह से जिसे भी वो समान लेना है
वो सभी उस छोटी सी दुकान पर ही आयेंगे। क्योंकि उसके पास एक Unique Product है। जो मार्किट में किसी और के पास उपलब्ध नहीं है। जो पान वाला New Costomer को आप के दुकान पर रेफर कर रहा है। चाहे उसकी आप से बनती ना हो। फिर भी वो लोगों को आप की दुकान पर ही भेजेगा क्योंकि उसके पास कोई और रास्ता नहीं है।
ये एक आॅफलाइन उदाहरण था। चलिए अब इसे आनॅलाइन समझते हैं। जिस व्यक्ति को फिनायल लेना है वो एक विजिटर है। मार्किट में जो बड़ी बड़ी दुकानें हैं वो आप के कंपेटेटर के ब्लाॅग है। फिनायल वो कंटेंट है जिसके बारे में विजिटर गूगल पर कुछ जानना चाहता है। मार्किट खुद गूगल है। वो पान वाला गूगल रोबोट्स है। वो छोटी दुकान एक छोटा ब्लाॅग है।
उस दुकान पर उपलब्ध फिनायल Unique Content है।
तो दोस्तो अगर आप कोई यूनिक पोस्ट लिखी है तो गूगल को आप की उस पोस्ट को पहले पेज ही दिखाना पड़ेगा। ऊपर मैने एक बात और कही थी कि चाहे आप की उस पानवाले से बनती हो या ना बनती हो। इसका मतलब यह है कि चाहे आप गूगल की कुछ रूल्स को फोलो ना करते हो जैसे आप की साईट का डिजाइन रिसपोंसिव ना होना , फ़ास्ट लोडिंग ना होना, मोबाइल फ्रेंडली ना होना।
फिर भी अगर कोई यूजर उस कान्टेट को सर्च करता है तो गूगल आप की ही वेबसाइट की लिंक वहां दिखाएगा। क्योंकि किसी और के पास वो Content है ही नहीं। तो गूगल आप के पोस्ट की ही लिंक पहले पेज दिखाएगा। चाहे आप की पोस्ट SEO friendly हो या न हो। क्योंकि गूगल के पास कोई और विकल्प नहीं है।
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SEO क्यो और कितना जरूरी है।
अब बात करते हैं एसईओ की। इसे भी मैं एक उदाहरण दे कर आप को समझाने का प्रयास करूंगा। मान लीजिए अब आप को एक बिस्कुट का पैकेट लेना है। आप फिर उसी मार्किट में गये। अब आप जब उसी पान वाले से पूझते है कि भाई यहां बिस्किट्स का पैकेट कहा मिलेगा तो वो पान वाला कहता भाई आप इस मार्केट्स में किसी भी दुकान पर चले जाओ आप को मिल जायेगा।
इसके साथ ही वो कुछ नाम भी हाईलाइट कर देता और कहता है अगर आप अग्रवाल साहब की दुकान से लेते हैं तो आप को रेट सही मिलेगा और अगर आप मेवाडा साहब की दुकान से लेने पर एक्सचेंज भी हो जायेगा। और अगर आप ख़ान साहब की दुकान से लेते हैं तो आप को कई सारे फ्लेवर मिल जायेंगे। अब ग्राहक के ऊपर निर्भर करता है कि वह किस दुकान से अपना समान लेता है। ग्राहक उसी दुकान से अपना समान लेगा। जो दुकान वाला अपने ग्राहकों से अच्छे से पेश आता है और जिसकी दुकान मेन रोड पर होगी। यहां कस्टमर्स के पास बहुत विकल्प है।
अब इसे आनॅलाइन समझते हैं। बिस्कुट लेने वाला विजिटर है। बिस्कुट एक एवरेज कांटेट है। जो लगभग हर टीच ब्लाॅग पर आपको मिल जायेगा। पान वाला गूगल रोबोट्स । अब यहां पर गूगल के पास Choose है। कि वो किस बेवसाइट को पहले पेज पर दिखाए। तो गूगल अपने रूल्स को फोलो करते हुए जिसकी वेबसाइट फ़ास्ट लोडिंग , रिस्पोंसिव , यूजर्स फ्रेंडली , डिजाइन , और भी जो भी SEO Factors को फोलो करती होगी उस वेबसाइट की लिंक को First Page दिखाएगा। ऊपर जो मैंने रेट , एक्चेए और फ्लेवर की बात की ये हर उस ब्लाॅग की खासियत है जो सर्च में First Position/ Page पर आते हैं।
जैसे किसी ब्लाॅग का डिजाइन, लेआउट बहुत Responsive है। किसी ब्लाॅगर की जो लिखने की स्किल है वो बहुत अच्छी है। किसी ब्लाॅग का लोडिंग समय बहुत कम है। ये सब SEO Factors के अन्दर आते हैं। इन के अनुसार ही गूगल सर्च रिजल्ट्स दिखाता है। अब बारी आती है विजिटर की। SEO करके आप गूगल को मजबूर कर सकते हैं।
कि वो आप की साईट की लिंक पहले पेज पर दिखाए। पर आप विजिटर को मजबूर नहीं कर सकते हैं कि वो आप की ही लिंक पर क्लिक करें। अगर विजिटर किसी दूसरे ब्लाॅग का नियमित पाठक है तो वह उसी ब्लाॅग पर जाना पसन्द करेगा। अगर उस वेबसाइट पर भी यही जानकारी मैजूद है तो। पर युनिक पोस्ट में इसका उल्टा है।
Unique Content और SEO में से कौन बेस्ट है।
चलिए अब वक्त आ गया है ये जानने का कि इन दोनों में से कौन सा बेस्ट है आप के लिए। वैसे तो ऊपर की अब तक की पोस्ट को पढ़ कर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मै क्या कहना चाहता हूं। पर चलिए अब मै आप के सभी संदेह को बिल्कुल खत्म कर देता हूं। आप एसईओ करके गूगल को मजबूर कर सकते हैं। परन्तु आप Unique post लिख कर आप विजिटर को मजबूर कर सकते है अपनी पोस्ट पढा़ने के लिए।
किसी भी पोस्ट का अच्छे से एसईओ कर देने से वह पहले पेज पर तो आ सकती है। फिर भी विजिटर के पास विकल्प के रूप में कई दरवाजे खुले रहते हैं। वो किसी दूसरी वेबसाईट पर जा सकता है। जरूरी नहीं है कि वो पहली लिंक पर ही किल्क करें। जैसा कि मैंने ऊपर भी बताया कि अगर वह विजिटर किसी किसी दूसरे ब्लाॅग का नियमित पाठक है तो उस वेबसाइट पर ही जायेगा। परन्तु अगर आप की पोस्ट यूनिक है। तो दूसरे ब्लाॅग के रिडर्स भी आप की साईट पर ही आयेंगे। क्योक उनके पास कोई और विकल्प नहीं होगा।
मान लेते है आप SEO Experts है पर आप अकेले तो एक्सपर्ट्स नहीं है। आप के जैसे और भी है। पर गूगल के First Page के First Position पर किसी एक ही एसईओ एक्सपर्ट्स की पोस्ट आ सकती है। गूगल से ज्यादा और कौन एसईओ के बारे में जानता होगा। पर गूगल के खुद के पोस्ट दूसरे तीसरे पोजीशन पर आते हैं।
Unique Post लिखने के फायदे
यूनिक पोस्ट लिखना भी आसान नही। अगर आप सोचे की मै अपनी सभी पोस्ट यूनिक लिखू। तो ये एक मुश्किल काम है। अगर 10 पोस्ट ईधर उधर से आइडिया ले कर लिखते हैं और एक पोस्ट यूनिक लिखते हैं तो भी कोई परेशान होने वाली बात नहीं है। ऐसा करके भी आप अच्छी traffic अपने ब्लाॅग पर पा सकते हैं। उसके लिए आप को अपने यूनिक पोस्ट पर दूसरे पोस्ट के लिंक कुछ इस तरह से एड करे कि विजिटर उसे पढे बिना ना जाये।
यूनिक पोस्ट को नये विजिटर को अपने ब्लाॅग पर लाने का काम दिजिए। जब विजिटर आप के ब्लाग पर आ जाये तो उसे आसानी से ना जाने दे। मतलब विजीटर्स आये तो अपनी मर्ज़ी से पर जाये आप की मर्जी से। आप अपने दूसरे पाॅपलर पोस्ट को इस पोस्ट के साथ लिंक करे। लिंक सही जगह पर और सही समय पर ही यूज करना आपके लिए सही रहेगा। इस फार्मूले से आप अपने ब्लाॅग की यातायात को और बढ़ा सकते हैं।
यूनिक पोस्ट लिखने का कोई नुक्सान नहीं है। पर कुछ लोग इस पर उंगली उठा सकते है। और कह सकते है कि यूनिक पोस्ट तब तक ही यूनिक रहेगी जब तक वो सीक्रेट रहेगी। अगर दूसरे ब्लॉगर्स को इस पोस्ट के बारे में पता चल गया तो वह भी इस टाॅपिक पर पोस्ट लिखना शुरू कर देंगे। और धीरे धीरे कम्पीटशन बढताब चला जायेगा। यहां आप को प्रोब्लम हो सकती है।
सबसे पहले तो कोशिश करें की ऐसी पोस्ट को सीक्रेट रखें और अगर फिर भी आप कि कोई पोस्ट कोई व्यक्ति काॅपी करता है तो आप DMCA के जरिए गूगल को Report कर सकते है। इस पर भी कुछ लोग सवाल उठा सकते है कि DMCA से कुछ नहीं होता है। तो उन्हें मैं बता दूं की मैंने DMCA Report से अपनी एक यूनिक पोस्ट को दूसरे ब्लाॅग से डिलीट करवाया था। जिसका Screen Shot मैं नीचे दे रहा हूं।
Conclusion :- तो दोस्तों मैंने पूरी
कोशिश की आप को ये बताने में कि आप के लिए क्या सही है। SEO या Unique Contant. अगर आप वही पोस्ट जो इंटरनेट पर पहले से है , उसी पोस्ट को अपने तरीके से दुबारा इंटरनेट पर डाल कर Traffic पाना चाहते हैं तो आप को एसईओ की जरूरत पड़ सकती है। परन्तु अगर आप कोई ऐसी पोस्ट लिख देते हैं जो अब तक इंटरनेट पर नहीं थी। तो आप को एसईओ नाम के बैशाखी की जरूरत नहीं पडे़गी।
रीडर्स के लिए मैं यही कहना चाहूंगा कि
शब्दों के जाल में ना फंसे।
भावनाओं को समझे। कि लेखक आप से कहना क्या चाहते है।
कम्पेटेटर से यही कहूंगा कि मुझे तुम्हारी उन 100 पोस्ट से कोई खतरा नहीं है जिनको लिखने का आइडिया तुम्हें इधर उधर से आया।
मुझे उस 1 पोस्ट से खतरा है जो तुमने यूनिक लिखा है।
नोट :- ये पोस्ट मैंने अपने Experience से लिखी है। हो सकता है इसमें कुछ त्रुटी भी हो। पाठक अपनी बुद्धि से काम लें।
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